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छंद त्रिभंगी कइसन बेढंगा,रंग बिरंगा,उज्जर तन ला,रंग डरे। सादा जीवन ला,मनखे पन ला,छोड़े अउ पाखंड धरे। कुछ तो सुन गुन मन,झूठा के सँग,जाये मा नुकसान हवै। सच्चा के सँग मा,घर अउ बन मा,धन जिनगी के,मान हवै।                                    -सुखदेव सिंह अहिलेश्वर"अँजोर"                                            गोरखपुर,कवर्धा
हे दाई शेरावाली *************                           "त्रिभंगी छंद" हे आदि भवानी,जग कल्यानी,हे जगजननी जग माता। आये नवराती,दिन अउ राती,जोत जले जग मग माता। सेउक जस गावैं,फूल चढ़ावैं,राखे हावँय जग राता। किरपा बरसावौ,भाग जगावौ,आस करै पावन नाता। कइसे करही मन,जुच्छा दर्शन,लाये हँव फुलवा घर ले। हे दुर्गा दाई,हे महमाई,जम्मो दुख पीरा हर ले। हे अम्बे गौरी,हे खल्लारी,हे चंडी हे कंकाली। करके उजियारा,हर अँधियारा,हे दाई शेरावाली                                 -सुखदेव सिंह अहिलेश्वर                                          गोरखपुर,कवर्धा
जनकवि कोदूराम "दलित" जी ************************                      "सरसी छंद" धन धन हे टिकरी अर्जुन्दा,दुरुग जिला के ग्राम। पावन भुँइया मा जनमे हे,जनकवि कोदूराम। पाँच मार्च उन्नीस् सौ दस के,होइस जब अवतार। खुशी बगरगे गाँव गली मा,कुलकै घर परिवार। रामभरोसा ददा ओखरे,आय कृषक मजदूर। बहुत गरीबी रहै तभो ले,ख्याल करै भरपूर। इसकुल जावै अर्जुन्दा के,लादे बस्ता पीठ। बारहखड़ी पहाड़ा गिनती,सुनके लागय मीठ। बालक पन ले पढ़े लिखे मा,खूब रहै हुँशियार। तेखर सेती अपन गुरू के,पावय मया दुलार। पढ़ लिख के बनगे अध्यापक,बाँटय उज्जर ज्ञान। समे पाय साहित सिरजन कर,बनगे 'दलित'महान। तिथि अठ्ठाइस माह सितम्बर,सन सड़सठ के साल। जन जन ला अलखावत चल दिस,एक सत्य हे काल। छत्तीसगढ़ी छंद लिखइया,गिने चुने कवि होय। तुँहर जाय ले छत्तीसगढ़ी,तरुवा धर के रोय। अद्भुत रचना तुँहर हवै गा,पावन पबरित भाव। जन जन ला अहवान करत हे,अब सुराज घर लाव। समतावादी दृष्टि रही तब,उन्नत होही सोच। छोड़व इरखा कुण्ठा मन ला,आय पाँव के मोच। विकसित राष्ट्र बनाये खातिर,मिलजुल हो परयास। झन सोवय कोनो लाँ
कुण्डलिया छंद होवै भेंट सियान सँग,सुग्घर रीत निभाव। दूनो हाँथ म पाँव ला,छू के माथ नवाव। छू के माथ नवाव,पूछ लौ कुशल क्षेम ला। दू ठन गुरतुर गोठ,बाँट लौ मया प्रेम ला। सुग्घर नेक विचार,चित्त ला माँजै धोवै। ले लौ जी आशीष,उँखर ले मिलना होवै। रचना:-सुखदेव सिंह अहिलेश्वर"अँजोर"               गोरखपुर,कवर्धा               03/09/2017